Tumhy Sochty Rahy Urdu/Hindi Sad Poetry Farhat Abbas Shah






موسم تھا بےقرار تمہیں سوچتے رہے
کل رات بار بار تمہیں سوچتے رہے

بارش ہوئ تو گھر کے دریچے سے لگے ہم
چپ چاپ سوگوار تمہیں سوچتے رہے


मौसम आप के बारे में बेचैन था
कल रात बार-बार तुम्हारे बारे में सोचते रहना

जब बारिश हुई तो हमने घर की खिड़की पर हाथ मारा
मूक शोक करने वाले आप के बारे में सोचते रहते हैं

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